न मंजिल है न मंज़िल का निशाँ है, हमारा कारवाँ फिर भी रवाँ है... मैं किस मंज़िल का राही हूँ तू किन राहों पे लाई है, समझ पाऊँ ना मैं तुझको ना तू मुझको.... #manzil❤️ #safar #Rahi #raahein