वो आइने सा मुझको मेरी सूरत दिखा गया एक अजनबी यूं मिला कि मोहब्बत सिखा गया शहर से निकले थे पैसे कमाने के लिए काम ऐसा मिला कि घर-बार भुला गया ये शायरी वायरी मेरे बस कि ना थी वो जो जो कहता गया, मैं लिखता चला गया बचपन कि शैतानी, जवानी कि अय्याशी मुझे याद ना थी मेरा बच्चा मुझको सब कुछ फिर से जिला गया #yqbaba #yqghazal #yqlongform #yqshayari