करीब से देखा जब जिंदगी को तो पता लगा भागे जा रहें हैं सब अपने घर से दूर कुछ पाने की चाहत में, जिंदगी भी बेरुखी दिखाती है फिर ये कह क्या हासिल करने की तमन्ना में, तुमने अपना घर परिवार त्यागा, घर के आँगन की चौखट से निकल , क्यों, तुमने खुद का नया बसेरा बना एक अलग संसार ढूंढा ! मिल जाएगा शहर में धन, ऐश्वर्य और शानो शोकत पर छूट जाएगा वो परिवार का प्यार और मट्टी की भीनी खुशबू , एक दिन अपनी मट्टी की याद तुम्हे बहुत तड़पाऐगी आखों में होगी आंसू और शहर की बेरुखी तुम्हे बहुत रुलायेगी , फिर आ जाना अपने मट्टी के भूले बिसरे आँगन में तुम्हारे सारे अहम् भुला दूंगी, गले लगा, फिर से अपना बना लुंगी ।। - राज किशोर वर्मा ✍️ #jindgi #merikavita #apnimatti #shahar