इन वादियों से चुपके से कुछ कहना तो है। घर दूर है पर दिल को यहां रहना तो है ।। ये कार के शीशे पे पड़ती बारिश की बूंदें, सफेद बर्फ से लदी इन पहाड़ियों के नीचे, ये खामोशियां, इन वादियों का गहना तो है। घर दूर है पर दिल को यहां रहना तो है।। अचानक गिरी बर्फ की खटखटाहट किसी मोड़ पे रुक के चाय की गर्माहट सफेद चादर से ढकता हुआ ये शहर हमारे सपनों को पूरा करता हुआ शहर कभी रास्तों के गुम हो जाने का डर सा है कहीं दिल को इस हिम की चाहत तो है कहीं रुक रुक के सेल्फी लेते हुई हम सब भूल के इन मौसम में खोते हुए हम ज़िन्दगी से चुराए हुए फुरसत के ये पल आज जीनी है ज़िन्दगी कल का देखेंगे कल ©Smita Singh manali ki khoobsurat yaadein