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सूखे पत्तों की खड़खड़ाहट दास्तां बयां करती है मुरझ

सूखे पत्तों की खड़खड़ाहट
दास्तां बयां करती है
मुरझाए फूलों की रंगत भी
गुलशन को देखा करती है..
जिस माली ने सींचा था
बड़े प्यार से दुलार से
उस माली का उस डाली का
तिरस्कार झेला करती है..
तू नहीं रहा अब हिस्सा
इस गुलशन का किस्सा 
खिलती कलियां सभी
अब ये कहा करती है..

©Swati kashyap
  #सूखेफूल