इतनी ऊंचाईयाँ भी न पा लेना नीचे कोई राह तकता न मिले आकाश छू भी लो तो अपनापन इतना रखना हर कोई धरती से भी हाथ बढ़ाता मिले ©Divya Joshi इतनी ऊंचाईयां भी न पा लेना नीचे कोई राह तकता न मिले आकाश छू भी लो तो अपनापन इतना रखना हर कोई धरती से भी हाथ बढ़ाता मिले