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हिम्मत बहुत जल्दी में आज जैसे ही प्रैस कराने में

हिम्मत

बहुत जल्दी में आज जैसे ही प्रैस कराने में लिए कपड़े दिये।वह लड़का बिना कोई प्रतिक्रिया दिए चुपचाप प्रैस करता रहा।मैंने उसे ध्यान दिलाते हुए पुनः कहा भाई 6 कपड़े हैं। उसकी अब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं थी। मुझे कुछ अटपटा सा लग रहा था क्योंकि हर बार उससे मुस्कुराहट भरी और खुशनुमा भेंट होती थी।उसकेपास प्रकाश कुछ कम था और मैं भी धूप से अंदर पहुँचा तो एकाएक साफ साफ नहीं देख पाया।जब थोड़ा ध्यान से देखा तो देखा कि वह अपने काम में लगा हुआ ही मोबाइल पर किसी से बातें कर रहा है और उसकी आँखों से आँसू आ रहे हैं जिन्हें वह जबरन रोकने की कोशिश कर रहा था लेकिन अपने इस प्रयास में विफल हो रहा था।आँखें लाल थीं।मैं थोड़ा सजग होकर सुनने की
कोशिश कर रहा था कि आखिर हुआ क्या  है?
उधर से आवाज किसी महिला की थी और उनके
बातचीत के अंदाज से साफ पता चल रहा था कि
वह शायद उसकी बहन थी।कुछ अनचाहा घटित
हुआ था जिसको सहन करने की हिम्मत उनमें नहीं
थी।लड़का बार-बार आँसू पोंछता जा रहा था और
कह रहा था कि"तू दिल छोटौ मत करै,हिम्मत मत
हारै मैं हतूँ ना।"यह कहते हुए अपने आँसू और
सिसकियों को जबरन रोकते हुए उसे देख मैं कपड़ों
को वहीं पड़ा छोड़ नम आँखों से वापस लौट आया।
मेरी हिम्मत ही नहीं हुईउससे बात करने की।
उसकी हिम्मत मुझसे बहुत अधिक थी।
😢😢😔✍️परेशान✍️😔😢😢

©Jitendra Singh
  #himmat