उसको देखने की बड़ी हसरत थी तभी ख़्वाबों मे मेरे वो नवाज़िश बनकर आई है मान गये उसकी मोहबत्त को इतनी दूर होकर भी ये फ़िज़ा उसकी गुज़ारिश लेकर आई है एक ख़ुशबू सी है इन बूंदो मे उसकी भीगी ज़ुल्फ़ों की छींटे ही तो बाऱिश बनकर आई है #rain #baarish #Shayari #Love #ishaq