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दुर्गा सप्तशती में स्पष्ट लिखा है , व्याप्तं तयैतत

दुर्गा सप्तशती में स्पष्ट लिखा है ,
व्याप्तं तयैतत्सकलम ब्रह्मांडम मनुजेश्वर!
महाकाल्या महाकाले महामारी स्वरूपया!!
सैव काले महामारी सैव सृष्टिर्भवत्यजा,
स्थितिम् करोति भूतानां सैवकाले सनातनी!!
भवकाले नृणां सैव लक्ष्मीवर्द्धिप्रदा गृहे,
सैवाभावे तथाअलक्ष्मीरविनाशायोपजायते!!
अर्थात- महाप्रलय के समय महामारी का स्वरूप धारण करने वाली महाकाली ही इस समस्त ब्रह्मांड में व्याप्त है ! वे ही समय-समय पर महामारी होती है और वे ही स्वयं अजन्मा होती हुई भी सृष्टि के रूप में प्रकट होती है,वे सनातनी देवी ही समयानुसार सम्पूर्ण भूतों की रक्षा करती है !
इसलिए सभी सनातनियो से निवेदन है कि इस संकट की घड़ी में कल से नित्य " दैवीकवच" का पाठ करे और नित्य दैवी उपासना करें ,वैसे भी शक्ति उपासना का पर्व आ रहा है तो इस मौके का लाभ अवश्य ले!🙏🌹
अंजना ज्योतिषाचार्य दुर्गा कवच
दुर्गा सप्तशती में स्पष्ट लिखा है ,
व्याप्तं तयैतत्सकलम ब्रह्मांडम मनुजेश्वर!
महाकाल्या महाकाले महामारी स्वरूपया!!
सैव काले महामारी सैव सृष्टिर्भवत्यजा,
स्थितिम् करोति भूतानां सैवकाले सनातनी!!
भवकाले नृणां सैव लक्ष्मीवर्द्धिप्रदा गृहे,
सैवाभावे तथाअलक्ष्मीरविनाशायोपजायते!!
अर्थात- महाप्रलय के समय महामारी का स्वरूप धारण करने वाली महाकाली ही इस समस्त ब्रह्मांड में व्याप्त है ! वे ही समय-समय पर महामारी होती है और वे ही स्वयं अजन्मा होती हुई भी सृष्टि के रूप में प्रकट होती है,वे सनातनी देवी ही समयानुसार सम्पूर्ण भूतों की रक्षा करती है !
इसलिए सभी सनातनियो से निवेदन है कि इस संकट की घड़ी में कल से नित्य " दैवीकवच" का पाठ करे और नित्य दैवी उपासना करें ,वैसे भी शक्ति उपासना का पर्व आ रहा है तो इस मौके का लाभ अवश्य ले!🙏🌹
अंजना ज्योतिषाचार्य दुर्गा कवच