उत्तर प्रदेश में सीमित एक नए तौर-तरीकों के साथ चल रहे चुनाव प्रचार में समाजवादी पार्टी का जंगलराज और बहुजन समाधि का जातिवाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर हैं वह जब मतदाताओं से अपनी बात कहते हैं तो अपनी बात के समर्थन में उन प्रसंग और घटनाओं की याद भी दिलाते हैं जो इतिहास में दर्ज है और किसी न किसी स्तर पर आज भी लोगों को प्रभावित करते हैं कोविड-19 मुजफ्फरनगर दंगों की जड़ कवाल कांड बम धमाकों के अभियुक्ति के प्रति हमदर्दी जैसे मसले उठकर हुए समाजवादी पार्टी पर सवाल उठाते हैं तो बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल को याद दिला कर भ्रष्टाचार के बड़े मामलों में जाती है ऐसी हास्य के खतरों को सामने रख देते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एजेंडा साफ है वह हर हाल में लोगों को भारतीय जनता पार्टी के शासन में सुरक्षा का एहसास दिलाने चाहते हैं राजघाट के लिए इसे ही सबसे बड़ी कसौटी मानते हैं वास्तव में यह सुरक्षा ही प्रगति का आधार है क्योंकि कोई भी एक्सप्रेस टोल प्लाजा में गुंडई के साथ व्यर्थ है कोई शहर संप्रदायिक तनाव के बीच कारोबारी की उम्मीद नहीं जगा सकता सुरक्षा का एहसास ना तो युवाओं को है ना उनके भविष्य के प्रति आसक्त कर सकता है महिलाओं को उनके सशक्तिकरण के प्रति अक्सर समाज वादी दृष्टिकोण औद्योगीकरण के प्रति नकारात्मक भाव रखते हैं ©Ek villain #एयरपोर्ट और एक्सप्रेस वाला एजेंडा #roseday