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गुलाब का पौधा आज भी याद आता है,बचपन का वो हंसीं क

गुलाब का पौधा

आज भी याद आता है,बचपन का वो हंसीं किस्सा
हुआ करता था वो मेरे जीवन का एक अहम हिस्सा
वो गुलाब का बड़ा सा पौधा खड़ा था जो बीच आंगन में
डालियां थी उसकी हरी,जो भरी थीं सुर्ख लाल कांटों से
एक अलग ही छाप छोड़ गया था वो मेरे बाल मन में
सिखा गया था पाठ जीवन का वो मुझे मेरे बचपन में
जैसे कोई अपना लगा लेता हो स्नेह से अपने गले
ऐसे बीता था बचपन मेरा उसकी प्यार भारी छांव तले
जब भी करता था प्यार से मैं उसका आलिंगन
महसूस ना होने देता था वो मुझे कांटों की चुभन
सींचा करता था उसको सुभोशाम मैं भी बड़े प्यार से
 जुड़ाव ऐसा था उससे की मिटा ना सका 
आज भी उसे अपने मन से,
 समय बीता और अाई आंधी भौतिकता की जिसमें
 खो गई कहीं वो दुनियां हमारी प्यार भरी
 अब नहीं है वो हरियाली,वो छांव प्यार भरी
 अब तो दिखती हैं बस दीवारें ईंट पथरों से बनी
 अब तो दिखती हैं बस दीवारें ईंट,पथरों से बनी।।।
।।।।।
shilpi Vikram #गुलाब का पौधा  Ankit Katheriya Rashmi Nayak Surjit sabir😍😎
गुलाब का पौधा

आज भी याद आता है,बचपन का वो हंसीं किस्सा
हुआ करता था वो मेरे जीवन का एक अहम हिस्सा
वो गुलाब का बड़ा सा पौधा खड़ा था जो बीच आंगन में
डालियां थी उसकी हरी,जो भरी थीं सुर्ख लाल कांटों से
एक अलग ही छाप छोड़ गया था वो मेरे बाल मन में
सिखा गया था पाठ जीवन का वो मुझे मेरे बचपन में
जैसे कोई अपना लगा लेता हो स्नेह से अपने गले
ऐसे बीता था बचपन मेरा उसकी प्यार भारी छांव तले
जब भी करता था प्यार से मैं उसका आलिंगन
महसूस ना होने देता था वो मुझे कांटों की चुभन
सींचा करता था उसको सुभोशाम मैं भी बड़े प्यार से
 जुड़ाव ऐसा था उससे की मिटा ना सका 
आज भी उसे अपने मन से,
 समय बीता और अाई आंधी भौतिकता की जिसमें
 खो गई कहीं वो दुनियां हमारी प्यार भरी
 अब नहीं है वो हरियाली,वो छांव प्यार भरी
 अब तो दिखती हैं बस दीवारें ईंट पथरों से बनी
 अब तो दिखती हैं बस दीवारें ईंट,पथरों से बनी।।।
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@Ankit Katheriya @Rashmi Nayak Surjit sabir😍😎">#गुलाब का पौधा Ankit Katheriya Rashmi Nayak Surjit sabir😍😎 #अनुभव