याद है तुम्हें उस वक़्त तुम चुप चुप कर मुझसे प्यार करते थे याद है तुम्हें जो बाते तुम बार बार करते थे करते थे इकरार इश्क का सारे आम करते थे क्य़ा झूठे थे वो सब या फरेब था जो कसमें जो वादे तुम हजार करते थे क्या तुम सच में मुझसे प्यार करते थे खत्म हुआ तुम्हारा प्यार आकर बिस्तर पर ही तुम वो वफा की बाते बेशुमार करते थे चल ना पाए दो कदम साथ हमारे बातों से जो मुझे तुम इश्क की हर सरहद पार करते थे #याद_है_तुम्हें #nojotopoem