तेरी चाहत की बारिश में मेरा मन भीगना चाहे खिला जो शौख पे था फूल वही अब टूटना चाहे पलट कर तुम जरा देखो मेरे इतिहास के पन्ने जो तब दरिया से डरता था वही अब डूबना चाहे वही अब डूबना चाहे.. by #sonuchhaya