पत्तियां भी हैं हरी फिर भी ख़िज़ा सा हाल है, एक तूने ही तो समझा यार ये कमाल है, याद है तुझको महकता सा हुआ गुलशन मिरा, देख ले आकर यहाँ फिर आज वो पामाल है, नीम के पत्ते जलाऊँ राख़ तन पे डार दूँ, छू भी ले तुझको कहीं फिर ग़म कोई मजाल है, आ चलें हम लौट कर वापस सितारों में कहीं, इस ज़मीं पे उम्र भर रहना बड़ा बबाल है। Babaal h... #yqdidi #yqshayari #yqbaba #yqhindi