इक शाम कुछ ख़्वाब मेरे ... तो क्या? फिर इक नई सुबह कुछ नए ख़्वाबों का पिटारा खोल कुछ सुकून💞 ढूंढ़ने निकलती हूं ...! कुछ खुशियां बाटती😊 हूं , कुछ बटोरती 🥰भी हूं ..!! फिर ख़्वाबों का पिटारा बांध शाम ढलते ही अपनी जिंदगी के दरवाज़े पर वापस दस्तक देती हूं ❤️..!! कुछ ख़्वाब चूल्हे की तपिश से जलते हैं और कुछ हृदय की... फ़िर बस निशा के गहराते ही कुछ ख़्वाब फ़िर ख़्वाब हो जाते😟 ... , कुछ लोग और मेरी परछाई साथ छोड़ने लगती ....! फ़िर भी मै थकती तो हूं पर कभी रुकती नहीं ......! लग जाती हूं पलकों पर कुछ नए ख़्वाबों की मेहमान नवाजी में 🤩...! क्यूंकि भोर होते ही इन्हीं ख़्वाबों के पिटारे से खुशियां🥰❤️🥰 .…... .....जो बाटनी है सबमें और कुछ बटोरनी भी😍 ................!!-A.r ख़्वाब हो गए तुम भी! #ख़्वाबहोगए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi