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पिता की छांँव में जैसे बीता मेरा सारा बचपन वैसे ह

पिता की छांँव में जैसे बीता मेरा सारा बचपन 
वैसे ही बीत जाए मेरी सारी की सारी उमर,
पिता ही मेरी जिंदगी है पिता से ही पहचान है,
इस बात से हम भी नहीं है अंजान और बेखबर।

पिता बाहर से सख्त व अंदर से नर्म होते हैं 
पिता एक उम्मीद और एक आस होते है,
पिता के दिल में दफन कई मर्म होते हैं, 
पिता ही परिवार की हिम्मत और विश्वास है

पिता आंँधियों में मजबूत दीवार बन जाते हैं
परेशानियों से लड़ने को दो धारी तलवार है।
मेरे लिए मेरे पिता ही सारी दुनियाँ हैंं और 
पिता में ही समाया मेरा सारा संसार है। ♥️ Challenge-605 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ Happy Father's Day ♥️

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।
पिता की छांँव में जैसे बीता मेरा सारा बचपन 
वैसे ही बीत जाए मेरी सारी की सारी उमर,
पिता ही मेरी जिंदगी है पिता से ही पहचान है,
इस बात से हम भी नहीं है अंजान और बेखबर।

पिता बाहर से सख्त व अंदर से नर्म होते हैं 
पिता एक उम्मीद और एक आस होते है,
पिता के दिल में दफन कई मर्म होते हैं, 
पिता ही परिवार की हिम्मत और विश्वास है

पिता आंँधियों में मजबूत दीवार बन जाते हैं
परेशानियों से लड़ने को दो धारी तलवार है।
मेरे लिए मेरे पिता ही सारी दुनियाँ हैंं और 
पिता में ही समाया मेरा सारा संसार है। ♥️ Challenge-605 #collabwithकोराकाग़ज़

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