Nojoto: Largest Storytelling Platform

गोविंद राधे पुरुष प्रकृति का अनोखा संगम ना कोई च

गोविंद राधे  पुरुष प्रकृति का अनोखा संगम 
ना कोई चिन्ता नाही भय सबके दुःख को सहने वाले 
सदा अपने मे रहने वाले ना ही कोई वहम
मुस्कान अधरों पर नयनाभिराम कोई नहीं वहम
गोविंद राधे पुरुष प्रकृति का अनोखा संगम।।

©Jitendra Singh
  #जितेन्द्रसिंह"विकल