#StopAcidAttacks छपाक..... और बदल गया इक चेहरा चीख पड़ी उसकी रूँह,पर वह जरा भी न बदली हा !जीवन में छा चुकी थी उसके घनघोर बदली | न्याय की लड़ाई खत्म हो चुकी थी पर जंग अभी बाकी थी, समाज से और खुद से आईने में उसका चेहरा नहीं, उसकी रूँह बोल रही थी उसके अंतर्मन में छिपे सवालों को तौल रही थी बदरंग तो केवल चेहरा था, रूँह तो आज भी सुन्दर है हौसले की चिंगारी, झाँक -तेरे ही अंदर है हौसले की चिंगारी, झाँक -तेरे ही अंदर है || माना डगर कठिन है, थामने को कोई हाथ नहीं तो क्या हुआ, खुद बन उनका साथ जिनके कोई साथ नहीं खुद से लड़ कर ही समाज से लड़ पाओगी फिर जो हक़ था तुम्हारा, और है भी, तुम वह मुकाम पाओगी || #stopacidattacks #छपाक... हौसले की चिंगारी, झाँक -तेरे ही अंदर है |penned by "smriti "✍️