जो सिलवटें थी तुम्हारी भूला चुका हूँ मैं, ख़ुद को थपथपा कर सुला चुका हूँ मैं। कोई जगा न दे इस बात से डरता हूँ, मैं शायद आज भी तुमसे प्यार करता हूँ। कुछ प्यार के लिए।