हाथ सने हैं मेरे तेरे #प्रेम के #भभूत से... चाह कर भी नहीं छूटता मोह इनका जितना भी झटकूँ उतनी ही खुशबू उड़े प्रेम की राख से तुझको दिल में बिठाकर तेरी यादों के साथ फेरे लिए हैं कुछ तो तुझसे राब्ता है जो महकू तेरे ही नाम से तुझको रख कर मन में खुद को निकाल फेंका है खुद को पाने की ख़ाहिश में तुझमें खुद को रख छोड़ा है....😍😍 ©Ravi kanojia #SandInHand