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तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में, सोचा कोई अपना न

तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में, 
 सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में, 
एक दिन जब दोस्ती की आप से तो यूँ लगा, 
कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में।

©OMG INDIA WORLD तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में, सुरजीत क्रिएशन सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में, एक दिन जब दोस्ती की आप से तो यूँ लगा, कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में।
#OMGINDIAWORLD
तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में, 
 सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में, 
एक दिन जब दोस्ती की आप से तो यूँ लगा, 
कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में।

©OMG INDIA WORLD तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में, सुरजीत क्रिएशन सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में, एक दिन जब दोस्ती की आप से तो यूँ लगा, कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में।
#OMGINDIAWORLD