गाँव की वो अल्हड़ सड़क रिझाती बहुत हैं शहर की ये टेढ़ी गालियां गिराती बहुत हैं सोने दो, अभी .. आज जगाना ज़रूरी है क्या सब कुछ बोल कर बताना ज़रूरी है तुम्हारी दुनिया कबूलनामे से डराती बहुत है आजकल प्यार के तरीक़े भी चुराती बहुत है हर ग़ज़ल का मतला सिखाना ज़रूरी है क्या सब कुछ बोल कर बताना ज़रूरी है माना राहे फ़िराक़ मुझको तड़पाती बहुत है मुसलसल वस्ल की वो रात रुलाती बहुत है हर रोज मुझे आइना दिखाना ज़रूरी है क्या सब कुछ बोल कर बताना ज़रूरी है #मूक #vatsa #yqbaba #yqhindi #dsvatsa #illiteratepoet #hindvi #hindavi गाँवकी वो अल्हड़ सड़क रिझाती बहुत है शहर की ये टेढ़ी गालियाँ गिराती बहुत है सोने दो अभी मुझे आज जगाना ज़रूरी है ? क्या सब कुछ बोल कर बताना ज़रूरी है ? तुम्हारी दुनिया कबूलनामे से डराती बहुत है