औरत कल के मोहल मे वह जम जएगी, वह औरत है हर चीज मे संभल जाएगी| खुदा ने उसे बडे़ अरमानो से बनाया, देख उसे उस बच्चे ने अपनी माँ को है पाया| माँ, बहन ,भाभी ,पत्नी और कितने रिश्ते है तेरे से जुड जाते, वह औरत है जिससे अपनो के दुःख भी सुख से जुड़ जाते| अपनी ख्वाहिशो को आंँसू मे बहा जाती, अपनो के लिए वह खुद से भी लड़ जाती| कितने दुःख उसने झेले है, आखिर गिनती कर कैसे कह लेगें? वक्त तब कम नजर आएगा, जब तू यह सब गिनवाएगा | मत समझ कम उसे ए...इंसान अग्नि परीक्षा मे खड़ा उसे ही पाएगा| -रीना यादव ©Reena Yadav #reenayadav#like#poetry #faraway