सुकूँ -ए-इश्क़ की तलाश में ये जहाँ छोड़ हम तेरे पास चले आये, थाम एक दूजे का हाथ,अब इस जहां से परे एक आशिया बनाये, न होंगे कहर-ए-गम जहाँ, खुशियों का ही बस बसेरा होगा वहाँ, बन एक दुजे के हमसाये,जर्रे जर्रे को खुशनुमा अब हम मनाये। 🌝प्रतियोगिता- 14🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"सुकूँ-ए-इश्क़" 🌹 Meaning : Peace of love 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या