एक चंचल शोख हसीना मेरे सपनों में आए mujhe ek jhalak dikhla ke हो मेरे दिल का चैन चुराया मेरे दिल का चैन चुराया बालो से मदिरा झलके होठों से हैं अंगा रे ©Niranjan Yadav niranjan