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भले थका हूं,पर खुश हूं क्योंकि यह जो बहा है यह मेर

भले थका हूं,पर खुश हूं क्योंकि यह जो बहा है यह मेरी मेहनत का पसीना है।जो इंसान ईमानदारी से मेहनत करता है, पसीना बहाता है वो जिंदगी में बहुत कुछ पाता है।हम जो रोटी खाते हैं वह किसी किसान की मेहनत के पसीने की ही तो रोटी है।

©Imran Shekhani (Yours Buddy)
  पसीना बहाओ

पसीना बहाओ #विचार

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