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"अश्कों के मोतियों को, ना नीर तुम समझना विरहा की

"अश्कों के मोतियों को,
 ना नीर तुम समझना
विरहा की आग की अब, 
तासीर तुम समझना
बदले अगर ज़माना, 
पर तुम बदल ना जाना
इस प्यार के बंधन को,
 ज़ंजीर तुम समझना।"

©jaishankar pandit "अश्कों के मोतियों को, ना नीर तुम समझना
विरहा की आग की अब, तासीर तुम समझना
बदले अगर ज़माना, पर तुम बदल ना जाना
इस प्यार के बंधन को, ज़ंजीर तुम समझना।"
 #positivevibes #Respect #poetsofinstagram 

#friends  Rakesh Srivastava ≋P≋u≋s≋h≋p≋ kiran kee kalam se  indu singh MM Mumtaz
"अश्कों के मोतियों को,
 ना नीर तुम समझना
विरहा की आग की अब, 
तासीर तुम समझना
बदले अगर ज़माना, 
पर तुम बदल ना जाना
इस प्यार के बंधन को,
 ज़ंजीर तुम समझना।"

©jaishankar pandit "अश्कों के मोतियों को, ना नीर तुम समझना
विरहा की आग की अब, तासीर तुम समझना
बदले अगर ज़माना, पर तुम बदल ना जाना
इस प्यार के बंधन को, ज़ंजीर तुम समझना।"
 #positivevibes #Respect #poetsofinstagram 

#friends  Rakesh Srivastava ≋P≋u≋s≋h≋p≋ kiran kee kalam se  indu singh MM Mumtaz