झुकी पलकों से स्वीकार्य है........हां ............प्यार है मुझे, अधखुले अधरों से स्वीकार्य है....हां ............इकरार है मुझे, आफिस जाते हो ना जब तुम .....हां..... इंतजार है मुझे, प्यार भी तुमसे करतें हैं छोटी छोटी बातों पे टकरार है मुझे, जानते हैं हमारे हो तुम्हारा किसी से बतियाना नागवार है मुझे, तुम से ही मेरा प्राण प्रिय तुम हो तो जीवन त्यौहार है मुझे, तुस ही मेरे जीवन रथ के सारथी तुम से ही गोत्रकार है मुझे, तुम मेरे जीवन साथी हो इस बात का खुद पर अहंकार है मुझे, तुमसे ही मेरी हर कविता तो तुम से ही जीवन साकार है मुझे, नजर भर देख दिल मजबूर हो जाए कहने को प्यार हर बार है मुझे झुकी पलकों से स्वीकार्य है........हां ............प्यार है मुझे, अधखुले अधरों से स्वीकार्य है....हां ............इकरार है मुझे।— % & एक ख़ूबसूरत #collab Aesthetic Thoughts की जानिब से। #प्यारहैमुझे #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #रोज़ी_संबरीया