जीने की ख्वाहिशे बड़ जाती हैं कुदरत के देखकर नजारे, हो उगते हुए सूरज की लाली या अमावस की रात के तारे। हो जंगल के पेड़ों का लहराना या नारियल के पेड़ सागर किनारे। हो बर्फ से ढके चांदी के पहाड़ या झरने के शोर करते जलधारे। ©Kamlesh Kandpal #kudrat