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तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में, सोचा कोई अपना नही

तन्हाई सी थी दुनिया की भीड़ में,
सोचा कोई अपना नहीं तकदीर में,
एक दिन जब दोस्ती की आप से तो यूँ लगा,
कुछ ख़ास था मेरे हाथ की लकीर में।

©Vishal Dubey
  Dist kyu jaruri hai #TereHaathMein
vishaldubey2645

Vishal Dubey

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Dist kyu jaruri hai #TereHaathMein #Poetry

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