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पहला प्यार (कहानी)

                पहला प्यार
                (कहानी)
              अनुशीर्षक में    

 पहला प्यार शब्द सुनकर आँखों में चमक आ जाता है, दिल आज भी खिल उठता है।
बात उस समय की है जब हम क्लास 11 में पढ़ते थे। स्कूल में प्रवेश लेने के बाद क्लास में पहला दिन था, सब एक दूसरे से परिचय कर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे थे। तभी एक लड़का क्लास में प्रवेश किया, उसे मेरी नज़रों ने क्या देखा पलक झपकाना भूल गई। तभी हमारे फिजिक्स के सर ने क्लास में प्रवेश किया। सब चुपचाप बैठ हाजरी देने लगे। 
       मेरा दिल और आँखें दोनों ही उस लड़के शिव में अटक गया था। जब सर ने हाजरी लेनी शुरू की तब तक उसका नाम हमें पता चल गया था। धीरे धीरे रोज़ एक ही क्लास में पढ़ने और लैब में जाकर प्रैक्टिकल करने से सबसे अच्छी दोस्ती हो गई। वक्त के साथ मेरा बेकाबू होते गया, हर वक्त दिल उसी को ढूँढता था। लेकिन मैंने अपने दिल को बहुत समझाया और काबू करने की कोशिश करती रही।
       एक दिन सर्दी छुट्टी के बाद हम सारे दोस्त स्कूल जा रहे थे, तो स्कूल के गेट के पास जब तक पहुंचें तो वहां पर लगे गुलमोहर के पेड़ पास शिव और उसका एक दोस्त ने पेड़ के पास कार्ड और एक चिट्ठी रख दिया, और इशारे से उठाने के लिए कह कर आगे बढ़ गए।
        मैंने डर की वजह से नहीं उठाया लेकिन मेरे दोस्त ने तुरंत उठा कर बैग में रख लिया। क्लास में पहुंच कर जल्दी से उसने कार्ड और चिट्ठी निकाल कर देखने लगी, मुस्कुराते हुए बोली कि मिस आपके नाम से लेटर और कार्ड है। तब आज का ज़माना नहीं था कि सबके हाथ में मोबाइल है और हाय हेलो कह कर नंबर का लेनदेन हो जाए। 
              मैंने देखा कार्ड न्यू ईयर का था, उसमें मेरा नाम लिखा था। और चिट्ठी में था–

Dear my first love
                पहला प्यार
                (कहानी)
              अनुशीर्षक में    

 पहला प्यार शब्द सुनकर आँखों में चमक आ जाता है, दिल आज भी खिल उठता है।
बात उस समय की है जब हम क्लास 11 में पढ़ते थे। स्कूल में प्रवेश लेने के बाद क्लास में पहला दिन था, सब एक दूसरे से परिचय कर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे थे। तभी एक लड़का क्लास में प्रवेश किया, उसे मेरी नज़रों ने क्या देखा पलक झपकाना भूल गई। तभी हमारे फिजिक्स के सर ने क्लास में प्रवेश किया। सब चुपचाप बैठ हाजरी देने लगे। 
       मेरा दिल और आँखें दोनों ही उस लड़के शिव में अटक गया था। जब सर ने हाजरी लेनी शुरू की तब तक उसका नाम हमें पता चल गया था। धीरे धीरे रोज़ एक ही क्लास में पढ़ने और लैब में जाकर प्रैक्टिकल करने से सबसे अच्छी दोस्ती हो गई। वक्त के साथ मेरा बेकाबू होते गया, हर वक्त दिल उसी को ढूँढता था। लेकिन मैंने अपने दिल को बहुत समझाया और काबू करने की कोशिश करती रही।
       एक दिन सर्दी छुट्टी के बाद हम सारे दोस्त स्कूल जा रहे थे, तो स्कूल के गेट के पास जब तक पहुंचें तो वहां पर लगे गुलमोहर के पेड़ पास शिव और उसका एक दोस्त ने पेड़ के पास कार्ड और एक चिट्ठी रख दिया, और इशारे से उठाने के लिए कह कर आगे बढ़ गए।
        मैंने डर की वजह से नहीं उठाया लेकिन मेरे दोस्त ने तुरंत उठा कर बैग में रख लिया। क्लास में पहुंच कर जल्दी से उसने कार्ड और चिट्ठी निकाल कर देखने लगी, मुस्कुराते हुए बोली कि मिस आपके नाम से लेटर और कार्ड है। तब आज का ज़माना नहीं था कि सबके हाथ में मोबाइल है और हाय हेलो कह कर नंबर का लेनदेन हो जाए। 
              मैंने देखा कार्ड न्यू ईयर का था, उसमें मेरा नाम लिखा था। और चिट्ठी में था–

Dear my first love

पहला प्यार शब्द सुनकर आँखों में चमक आ जाता है, दिल आज भी खिल उठता है। बात उस समय की है जब हम क्लास 11 में पढ़ते थे। स्कूल में प्रवेश लेने के बाद क्लास में पहला दिन था, सब एक दूसरे से परिचय कर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे थे। तभी एक लड़का क्लास में प्रवेश किया, उसे मेरी नज़रों ने क्या देखा पलक झपकाना भूल गई। तभी हमारे फिजिक्स के सर ने क्लास में प्रवेश किया। सब चुपचाप बैठ हाजरी देने लगे। मेरा दिल और आँखें दोनों ही उस लड़के शिव में अटक गया था। जब सर ने हाजरी लेनी शुरू की तब तक उसका नाम हमें पता चल गया था। धीरे धीरे रोज़ एक ही क्लास में पढ़ने और लैब में जाकर प्रैक्टिकल करने से सबसे अच्छी दोस्ती हो गई। वक्त के साथ मेरा बेकाबू होते गया, हर वक्त दिल उसी को ढूँढता था। लेकिन मैंने अपने दिल को बहुत समझाया और काबू करने की कोशिश करती रही। एक दिन सर्दी छुट्टी के बाद हम सारे दोस्त स्कूल जा रहे थे, तो स्कूल के गेट के पास जब तक पहुंचें तो वहां पर लगे गुलमोहर के पेड़ पास शिव और उसका एक दोस्त ने पेड़ के पास कार्ड और एक चिट्ठी रख दिया, और इशारे से उठाने के लिए कह कर आगे बढ़ गए। मैंने डर की वजह से नहीं उठाया लेकिन मेरे दोस्त ने तुरंत उठा कर बैग में रख लिया। क्लास में पहुंच कर जल्दी से उसने कार्ड और चिट्ठी निकाल कर देखने लगी, मुस्कुराते हुए बोली कि मिस आपके नाम से लेटर और कार्ड है। तब आज का ज़माना नहीं था कि सबके हाथ में मोबाइल है और हाय हेलो कह कर नंबर का लेनदेन हो जाए। मैंने देखा कार्ड न्यू ईयर का था, उसमें मेरा नाम लिखा था। और चिट्ठी में था– Dear my first love #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #KKकविसम्मेलन #KKकविसम्मेलन4 #kkdrpanchhisingh1