घर की तन्हाई, है किसे रास आई? के मुझे तो खिलखिलाहटों का शोर भाता है। खुशियों पे ये आग, है किसने लगाई? के मातम सा पसरा सन्नाटा देखकर मेरा जी घबराता है। इस दुनिया का शोर कैसा चुभता सा है मेरे कानों में। लोग सिर्फ बातें कर रहें हैं, कभी दिल दुखाने वाली, कभी सताने वाली तो कभी जलाने वाली। और एक मेरे घर का सन्नाता है जो पल पल कांटने को दौड़ता है मुझे, यहां मुझे खामोशी पसंद नहीं। ऐसे में समझ नहीं आता के जाऊं तो कहां जाऊं? घर की तन्हाई, किसे रास आई! #घरकीतन्हाई #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine