हवाएं भी सरगमी हैं मौत का महीना जुंबा खामोश है क्या पता की अब यहां किसे मरना है केसे जीना है अल्फाजों को दुआओ में तब्दली करो जाना कहीं न है हौसले बनाए रखो आखिर एक दिन बीत जाना ये मुसीबतों का भी महीना है हमे अभी संग संग और जीना है कुछ पल और जीना हैं हवाएं भी सर गमी है मौत का महीना है ©meri dayri meri kalam by neha नेहा #ZeroDiscrimination