' दर्पण ' संस्कारों का ढोल पीटते, दम्भ 'संस्कृति के सिन्धू हैं' आता-जाता ख़ाक नहीं है, हिन्दू हैं हम हिन्दू हैं। चार आश्रम भोगी बन बैठे, वर्ण सभी बनिये हों जैसे किरियाना स्टोर चलाएं, नुक्कड़ वाले नन्दू हैं। हिन्दू हैं हम... 'जन्मभूमि पे बने शौचालय', अंग्रेजी की घुट्टी बस ले बच्चे जो मन के सच्चे हैं, हुए सभी लिब्रण्डू हैं हिन्दू हैं हम... डींग हांकते ग्रन्थों की, सीख सभी उन सन्तों की पूछ के देखो हमसे आज, ज़ीरो वाला बिन्दू हैं हिन्दू हैं हम... नित नयी शाखा में बंटते, नये-नये गुरुओं को गढ़ते कृपा चुरायें - जय जय गायें, चोर सभी हम चिन्दू हैं हिन्दू हैं हम... ज्ञान हमारा भाड़ में जाए, पिज़्ज़ा संग बस नैट मिल जाए पूर्वजों के शौर्य के बल पर, जिये जा रहे - जिन्दू हैं हिन्दू हैं हम हिन्दू हैं। #NaveenMahajan mirror #NaveenMahajan #TumBinIshqNahi