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यू चरागों को जला कर न बुझाया होता,वादा जब कर ही लि

यू चरागों को जला कर न बुझाया होता,वादा जब कर ही लिया था तो निभाया होता,रूठे रहने की कसम मैने कहा खाई थी,मान जाता मैं अगर तुमने मनाया होता---!

©Farooq Farooqui
  #DiyaSalaai