सफर पर निकल पड़ा है दिल फिर से दुआ करो कोई बेवफा ना मिले किसी का दिल ना दुखे सब रहें खुश सब मिले पर किसी की बदुआ ना मिले तलाश है किसी ऐसे की जो समझ सके दिल को जो दिल से खेले ऐसा कोई इंसा ना मिले बड़ी हसरतें हैं दिल में कोई पूरा करेगा क्या वो लोग कहा रहते हैं जिनके दिल में नफरतें ना मिले कहां से शुरू करें मासूम कुछ समझ नही आता वो सहर कौन सा है जहां दगाबाज ना मिले ©Masumwriter talash poetry masumwriter #hangout