कितना जटिल हो गया है मानव जीवन अब, अतृप्त है,चूंकि सत्य और प्रेम से वंचित है, चूंकि असत्य,स्वार्थ जीवन के केंद्र बन गए, सादगी,संतोष से वंचित,आत्मा रक्तरंजित है, विकृति आनंद का माध्यम बन गयी,दुर्बलता है, आत्मिक स्वरूप की विस्मृति कारण है इसका, पुनः प्राप्त कीजिए प्राण उस प्राणेश्वर प्रभु से, यह योग्यता आप आत्मा में अनादि से संचित है, संचित है आपमे दिव्यता,देवत्व,अलौकिकता, केवल मनन,एकाग्रता, पुनः अभ्यास चाहिए, आह्वाहन कीजिए स्वयं की सतोप्रधानता का, इतना कीजिए, फलत: संसार आपसे अचंभित है #yqbaba #yqdidi #आत्मिकशांति #प्राणेश्वर