Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिल ए नादां, जो ख़ुद ही परेशां है मौसमी समा, पर गम

दिल ए नादां, जो ख़ुद ही परेशां है
मौसमी समा, पर गम ए जवां है
इलाही ए दिल, का कहां ही पनाह है
ये कुसूर, लकीरो का या खुद का गुनाह है
अलग सी है ऐसी जगह इस जहां में
जहां लोग होते हैं एक ही फना में
चूकि वह मना है पर महफ़िल बना है
हां",खुद की लकीरें मैं खुद ही बना दूं
जुनूं है जो इतना किसी को झुका दूं
उतारूं जमीं पर स्याही जो खून की, 
लकीरें भी बोलेंगी हौसले जुनून की
आज खुद से मिला मैं आ तुझको भी मिला दूं।।
आज खुद से मिला मैं आ तुझको भी मिला दूं।।
                     Aakash Dwivedi ✍️

©Aakash Dwivedi #दिल_की_आवाज #शायरी #kavita #कहानी #विचार #AakashDwivedi #Love #Like #mahadev 

#Moon
दिल ए नादां, जो ख़ुद ही परेशां है
मौसमी समा, पर गम ए जवां है
इलाही ए दिल, का कहां ही पनाह है
ये कुसूर, लकीरो का या खुद का गुनाह है
अलग सी है ऐसी जगह इस जहां में
जहां लोग होते हैं एक ही फना में
चूकि वह मना है पर महफ़िल बना है
हां",खुद की लकीरें मैं खुद ही बना दूं
जुनूं है जो इतना किसी को झुका दूं
उतारूं जमीं पर स्याही जो खून की, 
लकीरें भी बोलेंगी हौसले जुनून की
आज खुद से मिला मैं आ तुझको भी मिला दूं।।
आज खुद से मिला मैं आ तुझको भी मिला दूं।।
                     Aakash Dwivedi ✍️

©Aakash Dwivedi #दिल_की_आवाज #शायरी #kavita #कहानी #विचार #AakashDwivedi #Love #Like #mahadev 

#Moon