*कभी कभी ठोकरें भी* *अच्छी होती हैं!* *एक तो रास्ते की* *रुकावटों का पता चलता है!* *और दूसरा* *संभालने वाले हाथ किसके हैं!* *ये भी पता चलता है..!* *सुप्रभात*। 😊 ©Poorv singh #ठोकरें अच्छी होती हैं!* #रास्ते #रुकावटों #संभालने #*सुप्रभात*।