निराशा संभव को असंभव बना देती है वैसे ही जैसे इंसान की सोच उसे नीचे गिरा देती है आगे बढने के लिए पैरों में रफ़्तार और आशा का होना जरूरी है,, क्योंकि निराशा संभव को असंभव बना देती है। अरुणा🎓📿 #प्रेमचंद#आशा#ज़िंदगी