धूंधला सा इक साया है, मदहोशी अब छाने लगी। सो जाने दो अब मुझको, कुछ कुछ नींद आने लगी।। ढलने लगा है ये मौसम, गुजरने लगी तेरी मेरी कहानी। जाने को है ये शाम भी,रात भी अब होने लगी।। रात भी अब होने को है...