कुछ अल्फ़ाज़ दबे थे उसे दबा रहने दिया होता तू वज़ह थी मेरी खुशियो की ये तो कह लेने दिया होता सज़ा जो मिली मुझको वज़ह क्या रही होगी? थोड़ा वक्त लेते पर मुझको मेरी खता तो बता दिया होता ©Vidhan Bhagvat #दर्द#कलम#मोहब्बत#रुषवा