जो रातें घनी और लंबा सफर हो,तो नयनों का सबके ही चिराग बनना अंधेरा जो फैला हो चारो तरफ ही,तो तुम ईक स्वयं में ही प्रकाश बनना जो कह न सके कोई अपनी जुबां से,गरीबों के दिल का वो ऐहसास बनना जो दब न सके फिर किसी झूठ से भी,स्वयं में ही सच की वो आवाज बनना....। -Riddhi Awasthi #NightPath #attitudeiseverything #bethevoiceofindia