Nojoto: Largest Storytelling Platform

✍️.. नित्य नियमित सदावर्त कर वो पिता भरणपोषण करता

✍️.. नित्य नियमित सदावर्त कर वो पिता भरणपोषण करता था,
दुःख,आँसू को पी वह जीवनकालचक्र में स्वतः ही फंसता था,
संतान के सुख हेतु वह दिनरात परिश्रम के पथ पर चलता था,
वर्तमान सुख को त्यागा था फिर वो पिता दर दर भटकता था

जर्जर,क्षीण होती पिता की देह अब न कुछ सह पाती थी,
पुत्र के कार्य मे बाधा न आ जाये जिव्हा चुप हो जाती थी,
पुत्र को नित रास न आया पिता का झुर्रियों भरा वो चेहरा,
✍️.. नित्य नियमित सदावर्त कर वो पिता भरणपोषण करता था,
दुःख,आँसू को पी वह जीवनकालचक्र में स्वतः ही फंसता था,
संतान के सुख हेतु वह दिनरात परिश्रम के पथ पर चलता था,
वर्तमान सुख को त्यागा था फिर वो पिता दर दर भटकता था

जर्जर,क्षीण होती पिता की देह अब न कुछ सह पाती थी,
पुत्र के कार्य मे बाधा न आ जाये जिव्हा चुप हो जाती थी,
पुत्र को नित रास न आया पिता का झुर्रियों भरा वो चेहरा,

नित्य नियमित सदावर्त कर वो पिता भरणपोषण करता था, दुःख,आँसू को पी वह जीवनकालचक्र में स्वतः ही फंसता था, संतान के सुख हेतु वह दिनरात परिश्रम के पथ पर चलता था, वर्तमान सुख को त्यागा था फिर वो पिता दर दर भटकता था जर्जर,क्षीण होती पिता की देह अब न कुछ सह पाती थी, पुत्र के कार्य मे बाधा न आ जाये जिव्हा चुप हो जाती थी, पुत्र को नित रास न आया पिता का झुर्रियों भरा वो चेहरा, #yqbaba #yqdidi #काव्य_संगीत #collabwith_काव्य_संगीत #ks_contest_11 #वृदाश्रम