बहोत याद आता है... बचपन का वो खूबसूरत ज़माना... हम भी कभी दिल से हँस लिया करते थे... कागज़ की कश्तियों से घूम लेते थे... सारे ज़माने की खुशियाँ बटोर लेते थे... एक चोकोलेट क्या मिली ??? बत्तीस पकवान सा इतरा लेते थे... जुठ मुठ का रो के ज़िद पूरी करवाते थे ... बेस्ट एक्टर खुद को ही समझ लेते थे... हमेशा खेलते हुए लड़ना... Nidhi एक बुच्चा से फिर से खिलखिलाते थे... याद भी ना रहेता कब जगड़ा हुआ??? फिर भी खुद को CID समझते थे... बहोत याद आता है... बचपन का वो खूबसूरत ज़माना !!! हम भी कभी दिल से हँस लिया करते थे !!! #bachpan