प्यारे व्यर्थ है त्याग व समर्पण इस युग में आज का इंसान इनके भावों को समझ कहाँ पाता है.. कोई सुनादे पल भर झूठे प्रपंच वर्षों के समर्पण को भी ये एक पल में ही भूल जाता है यूँही कभी समझ में नहीं आती सच्ची निष्ठा व लगाव इनके महत्वों को दिल से समझना होता है कोई दूर नहीं होता किसी से ऐ दोस्त इस कदर कारण बस उनकी खुशीयों को सजाना होता है कोई गायब नहीं होता किसी के अल्फाज से बेवजह सारी भावनाओं को रोकर.. अंदर ही समाना होता है सच्चे साथी तो हजार गलतियां पल भर में भुलादे दोस्ती तोड़ने वालों के लिए एक ही गलती काफी होता है कभी फुरसत मिले तो अपनी दोस्ती को समझना ईश्वर को हरपल माननेवाला क्या कभी किसी का दिल भी दुखाता है हाँ अनुभव रहता है उसे अच्छी खासी दोस्ती का और वाकिफ रहता है पहले से ही वो संबंधों में फैलाती लोगों के जहरों से भी इसलिए एक दूसरों के सम्मान को ही वह सर्वप्रथम भगवान समझता है इसलिए इंतजार करूँगा.. कहकर वो हम सबसे दूर चला जाता है और जब उसे मालूम होता है कि उसे गलत समझा गया है तो वह सदा सदा के लिए दूर हो जाता है लेकिन दोस्ती को प्रतिपल वह सच्ची श्रद्धा से जनमों जनम तक..कोटि कोटि शीश नवाता है -Amar Bairagi #दोस्तीहमारी ऐ दोस्त दूर रहकर भी मेरे साथ हरपल आपका प्यार है कोई आपको मेरी वजह से गलत न समझे बस यही एक प्रयास है तेरी दोस्ती का हम इतना तो हक अदा करेंगे कि.. तेरे प्यार का हक हम अपने पास किसी और को नहीं देंगे #अनकहेअल्फ़ाज़ best doston ke nam