----चुनाव---- चुनावी दौर में हर आदमी, बड़ा वेताब लड़ने को। गाँव को चमका दूँगा बस, जरा आगे तो बढ़ने दो। किसी ने दोस्ती मानी, किसी ने दुश्मनी जानी। कोई वादों का था आदी, किसी ने जिद नई ठानी। कहीं खामोश था वोटर, कहीं महफ़िल सजीं जी भर। कहीं पौआ, कहीं पायल, कहीं साड़ी बटीं घर-घर। हर तरफ हो रहे कितने , मोहब्बत प्यार के चर्चे। किसी की जीत से ज्यादा, किसी की हार के चर्चे। ©दुर्लभ "दर्शन" #nojohindi#Love #India ------चुनाव---- चुनावी दौर में हर आदमी, बड़ा वेताब लड़ने को। गाँव को चमका दूँगा बस, जरा आगे तो बढ़ने दो।