उम्मीदों के शहर में आकर हर आस टूटी है देखते ही देखते सारी सौगात झटके में छूटी है मोहब्बत की बातों से रातों की नींदे भी लूटी है जिक्र करते करते थकते नही थे जो उसी ने आज जिंदगी को मेरे अश्क़ के साथ लिखी है ख्वाबों के मोती पिरोती रही में जिसकी यादों में उसी ने आज जीते जी ये कब्र खोदी है मैं जिसे अपना समझ इतराती रही थी अबतक उसकी हर सांस को भांप कर ही ये सांझ खिली है अंधेरे के सहारे अब खुद को छुपाऊ ये बात ना जँची है कर दिया अब तो एलान की तेरे इश्क़ की सारी बात झूठी है कितना भी अपनाए वो अब मनाने के अंदाज अपने झूठी तसल्ली बनके राख आसमान को जाके उड़ी है कैसे सोच लिया वो चाहते है हमे दिलों जान से ये वहम पाल कर ही तो अब तक हम जीये है आँखों की फितरत भी देखो बदलती चली गई उन्हें देखने को तरसती रही जो वो ही आज बरस गई है माना कसूर हमारा था हमने उन्हें चाहने की खता कर दी उम्र भर दर्द सहने की सजा अपने ही नाम कर दी ©lavnya94 #मोहब्बत #जिंदगी #वादे#हिंदीपोएट्री#शायरी#नोजोटोएप#शिकायतें #LostInCrowd कवि राहुल पाल Pankaj Singh smriti gupta