अकेला बैठा था,और साथ मे एक डायरी थी मेरी। हर डायरी की तरह पन्ने इसमे भी थे।📄 पर मेरे लिए ये खास था क्योंकि इसके हर पन्ने में, कुछ यादें सिमटी थी मेरी।📓 उस सिमटी यादों को ,पन्नो में खोलने की कोशिश कर रहा था,मैं। 📖 एक एक कर पन्ने पलटता जा रहा था,और पुरानी यादें नई हो रही थी। मानो, जैसे मैं इन शब्दों में फिर से जीने लगा था।🕺 कितनी सच्चाई थी। इन शब्दों में,जिसने बचपन से स्कूल और फिर कॉलेज तक घुमा दिया। दोस्तो की टोली और टीचर की मार तक फिर से याद दिला दिया।😊 पर कुछ शब्द लिखें हों जिंदगी के, और उसमे प्यार का जिक्र न हो तो शायद कहानी अधूरी होती है। 💔 जीवन के हर डायरी में ,प्यारी की कहानी पूरी भी कहाँ होती है। कुछ ख्वाब अधूरे होते हैं जिंदगी में,ताकि जिंदगी पूरी हो सके।क्योकि कुछ अधूरे ख्वाब ही जीने का सबब देती है।❤️ #मेरी डायरी. -@Harshvaani #Book #my #Poet