कोई अच्छा तो कोई बुरा गुजरा। कहां हर दिन, एक जैसा गुजरा। बस इतनी सी बात से दिन बन गया मेरा, जब तूने पूछा कि दिन कैसा गुजरा। जो साथ जिये उतनी ही है ज़िन्दगी मेरी, बगैर तेरे बस, साल सा हर लम्हा गुजरा। हम उसी वक़्त समझ गए थे बेबसी तेरी, जब एक शख़्श तेरे घर से प्यासा गुजरा। और भी हैं न, ख्याल रखने वाले तुम्हारा, खत लिए तुम्हारे छत से अभी परिंदा गुजरा। .......to be continued .....GARग #dinkaisagujra #nojoto #nojotohindi #nojotoenglish #kavishala #khat #parinda #pyasa #lamha #ghazal #poetry #alokgargkumarshukla